देश की अर्थव्यवस्था में छोटे या बड़े सभी उद्योग में व्यापारियों का बड़ा योगदान है. पहले की कर व्यवस्था में छोटे उद्योग वाले कभी - कभी ही कर अदा कर पाते थे परंतु अब ऐसा नहीं है.अब अगर वह अपनी आय का विवरण नहीं देंगे तो आयकर विभाग की तरफ से नोटिस का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही कर (TAX) सही समय पर जमा नहीं करने पर ब्याज, लेट फीस या पेनाल्टी भी लग सकती है.
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जीएसटी रिटर्न और जीएसटी रिटर्न फॉर्म |
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जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जीएसटी रिटर्न भरना पड़ता है. जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कैसे करना है यह हम आपको अपने पिछले ब्लॉग में बता चुके हैं. जीएसटी की रिटर्न में किन-किन चीजों का ब्यौरा देना होता है आप निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं:
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इन सब चीजों की जानकारी जीएसटी फॉर्म के माध्यम से जीएसटी रिटर्न भरकर सरकार को देते हैं.
जीएसटी में रिटर्न भरने का फॉर्म (प्रपत्र):
जीएसटी में रिटर्न फाइल करना जरूरी है. जीएसटी रिटर्न में कौन सा फॉर्म भरना है यह करदाता की श्रेणी के अनुसार तय होता है. करदाताओं की श्रेणी के हिसाब से जीएसटी फॉर्म को अलग - अलग समूह में रखा गया है. जीएसटी करदाता भी दो तरह के होते हैं - एक सामान्य रजिस्टर जीएसटी वाले और दूसरा जीएसटी कंपोजीशन वाले.
सामान्य रजिस्टर जीएसटी वाले व्यापारियों के लिए रिटर्न भरने का फॉर्म:
जीएसटीआर - 1 (GSTR - 1) फॉर्म: जीएसटी सिस्टम में यह सबसे पहला रिटर्न फॉर्म है. इसमें आपको पिछले महीने में हुई सभी तरह की बिक्री का ब्यौरा भरना होता है. इस फॉर्म को आप कारोबार के अगले महीने की 10 तारीख तक भरकर जमा कर सकते हैं.
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जीएसटीआर - 2A (GSTR - 2A) फॉर्म: यह फॉर्म जीएसटीआर - 1 फॉर्म भरने के अगले दिन यानी कि अगर आपने महीने की 10 तारीख को जीएसटीआर - 1 फॉर्म को भरा है तो उसी महीने की 11 तारीख को जीएसटीआर - 2A फॉर्म भरना है.
जीएसटीआर - 2 (GSTR - 2) फॉर्म: इस फॉर्म में आपको अपनी सारी खरीदारी का ब्यौरा देना होता है. पिछले महीने आपने कितनी खरीदारी की कितना पेमेंट किया इन सब की जानकारी इसमें भरना होता है. इस फॉर्म को महीने की 15 तारीख तक भरकर जमा कर देना होता है.
जीएसटीआर - 1A (GSTR - 1A) फॉर्म: महीने की 15 तारीख को जब आप जीएसटीआर - 2 फॉर्म भरकर जमा कर देंगे. तो आपको जीएसटी की वेबसाइट पर जीएसटीआर - 1A फॉर्म आ जाएगा. इसमें आपके द्वारा डाली गई सारी सूचनाएं दी होंगी. अब विक्रेता को यह अधिकार होगा कि वह खरीदार की भरी गई सूचना को स्वीकार करें या अस्वीकार कर दें.
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जीएसटीआर - 3 (GSTR - 3) फॉर्म: महीने की 20 तारीख को यह फॉर्म अपने आप आपके जीएसटी अकाउंट में आ जाएगा. जीएसटीआर - 3 में आपके द्वारा जीएसटीआर - 1और जीएसटीआर - 2 में बिक्री और खरीदारी का भरा हुआ ब्यौरा होता है. इन दोनों का मिलान करके जीएसटी का सिस्टम यह बता देता है कि आपको कितना कर (Tax) जमा करना है या कितना कर आपको वापस मिलेगा.
जीएसटीआर - 3A (GSTR - 3A) फॉर्म: यह फॉर्म उनलोगों को भरना होता है जो किसी कारणवश मासिक रिटर्न भरना भूल गए हैं.
जीएसटीआर - 9 (GSTR - 9) फॉर्म: इस फॉर्म में आपको अपना सालाना ब्यौरा देना होता है. यानि कि जो आपने सालभर में रिटर्न रजमा किया या जो भी आयात - निर्यात किया वो सारा कुछ विस्तार से इस फॉर्म के माधयम से देना होता है.
जीएसटी कंपोजीशन वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न भरने का फॉर्म:
जीएसटीआर 4ए (GSTR - 4A) फॉर्म: यह फॉर्म जीएसटीआर - 2A फॉर्म की तरह ही होता है. जीएसटी कंपोजिशन के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों को हर 3 महीने में इस फॉर्म को जमा करना होता है.
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जीएसटीआर 4 (GSTR - 4) फॉर्म: जीएसटीआर - 4ए फॉर्म व्यापारी हर 3 महीने पर जमा करेंगे तो उसके आगे वाले महीने की 18 तारीख को जीएसटीआर - 4 फॉर्म जमा करना होगा.
जीएसटीआर - 9A (GSTR - 9A): यह फॉर्म जीएसटी कंपोजिशन के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए सालाना रिटर्न होता है. इसमें साल भर के दौरान भरे गए रिटर्न का ब्यौरा देना होता है. इस फॉर्म को वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर तक जमा कर देना होता है.
इन सबके अलावा भी कुछ और जीएसटी रिटर्न फॉर्म होते हैं जो निम्न है:
विदेशी करदाताओं के लिए जीएसटी रिटर्न फॉर्म:
जीएसटीआर 5 (GSTR - 5) फॉर्म: किसी अन्य देश का निवासी जो भारत में व्यापार करता है उसे यह फॉर्म भरना होता है. इसमें महीने भर की कुल बिक्री, अदा किया गया कर, वापस पाने लायक कर, बचा हुआ माल सभी का विस्तारपूर्वक ब्यौरा देना होता है. इस फॉर्म को व्यापारी के द्वारा अगले महीने की 20 तारीख तक जमा करना होता है.
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टीडीएस कटने वालों के लिए जीएसटी फॉर्म:
जीएसटीआर - 7 (GSTR - 7) फॉर्म: महीने के दौरान जो भी टीडीएस कटौती की जाती है उनका ब्यौरा इस फॉर्म में देना होता है. यह फॉर्म व्यापार के अगले महीने की 10 तारीख तक जमा कर दिया जाना चाहिए.
जीएसटी आर - 7A (GSTR - 7A) फॉर्म: जीएसटीआर - 7 फॉर्म जमा करने के बाद टीडीएस प्रमाण पत्र के रूप में आपके जीएसटी अकाउंट में जीएसटीआर - 7A फॉर्म आ जाएगा. इसमें जो भी टीडीएस काटा है या सरकार को चुकाया है, उसका पूरा ब्यौरा रहेगा.
सरकारी संस्थाओं के लिए जीएसटी रिटर्न फॉर्म:
जीएसटीआर - 11 (GSTR - 11) फॉर्म: यह फॉर्म सरकारी संस्था या संगठनों को भरना होता है. ऐसी संस्थाओं को अद्वितीय पहचान संख्या दिया जाता है. इस फॉर्म को हर महीने की 28 तारीख को जमा करना होता है.
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ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न फॉर्म:
जीएसटीआर 8 (GSTR - 8) फॉर्म: अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग विक्रेता हैं तो अपनी सारी आपूर्ति (Supplies) का ब्योरा इस फॉर्म में भरना होगा. इसमें जो आपने कर जमा किया है उसका भी ब्यौरा देना होता है. इस फॉर्म को कारोबारी महीने के अगले महीने की 10 तारीख तक जमा करना होता है.
अन्य जीएसटी रिटर्न फॉर्म:
जीएसटीआर - 9B (GSTR - 9B): जिस व्यापारी का सालाना कमाई एक करोड़ रुपए से अधिक होता हैं उसे जीएसटीआर - 9B फॉर्म भरना होता है. इसे हर साल वित्तीय वर्ष के 31 दिसंबर तक भरकर जमा करना होता है.
दोस्तों, हमने इस ब्लॉग में जाना कि जीएसटी रिटर्न फाइल करना कितना जरूरी है. यह आम आदमी के जीवन पर काफी प्रभाव डालता है. हमने यह जानकारी बहुत ही सरल भाषा में आपके लिए उपलब्ध कराई है फिर भी अगर कोई चूक या गलती हो गई हो तो हमें जरूर बताएं. आप हमें बताने के लिए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं.
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